Thursday, May 10, 2007

एक ऐसी भी हसरत...

आँखों में हसरत है, इस दिल में शरारत है
हमारे दिल में अब बस आपकी मुहब्बत है
लब पे है जिसका नाम, वो आप हीं तो हैं
आँखों में जिसका जाम,वो आप हीं तो हैं
बस एक तमन्ना है, वो है आपको पाने की
जो मिले न आप हमें, ली कसम मर जाने की
बेचैनी बढती है, जब आप न होते हैं
ये दिल खो जाता है, जब आप से मिलते हैं
हम खोये रहते हैं, बस आपकी यादों में
सूना सा लगता है, जब आप न होते हैं
हर खुशी मेरी आप हीं हैं, बस आपकी चाहत है
जो हुए न आप मेरे, तो मौत को दावत है
ये दिल जो तडपता है, बस आपसे मिलने को
इसे चैन न मिलता है, बिना आपकी चाहत के
बडी हसरत है मेरी, कि मैं आपको पाऊँगा
जो हुए न आप मेरे, मैं तो मर जाऊँगा

3 comments:

Yuvraj said...

aapki kriti charo aur aapna rang jamaiy
mast kavita likhi hai !!!!!!

shanky said...

i luvd last para the most.....

sweetysadhna said...

achcha hai....good work...keep it up...